कुंभ मेले की पौराणिक कथा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण है। यह कथा हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं, देवी देवताओं और ऋषि-मुनियों से जुड़ी हुई है।
कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया, तो उसमें से अमृत कलश निकला। उस कलश को लेकर देवता और असुर लड़ने लगे। इस लड़ाई में अमृत कलश की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिर गईं। ये बूंदें चार स्थानों पर गिरीं: प्रयाग (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक।
इन चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरने के कारण, ये स्थान पवित्र माने जाते हैं। कुंभ मेला इन्हीं चार स्थानों पर आयोजित किया जाता है, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं।
कुंभ मेले का आयोजन 12 वर्षों में एक बार किया जाता है, जब बृहस्पति और सूर्य की स्थिति विशेष होती है। इस अवसर पर, श्रद्धालु स्नान करने के लिए नदियों में उतरते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण परंपराओं में से एक है। कुंभ मेला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है। यह मेला गंगा, यमुना, सरस्वती और गोदावरी नदियों के किनारे आयोजित किया जाता है, जहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने और पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं।
कुंभ मेले के नहाने के लाभ:
1. *पापों का नाश*: कुंभ मेले में स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा की शुद्धि होती है।
2. *मोक्ष प्राप्ति*: कुंभ मेले में स्नान करने से मोक्ष प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
3. *रोगों का नाश*: कुंभ मेले में स्नान करने से रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. *आत्मिक शांति*: कुंभ मेले में स्नान करने से आत्मिक शांति और आनंद की प्राप्ति होती है।
5. *पुण्य प्राप्ति*: कुंभ मेले में स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है और आत्मा की उन्नति होती है।
कुंभ मेले के महत्वपूर्ण तिथियां:
1. *मकर संक्रांति*: कुंभ मेले की शुरुआत मकर संक्रांति से होती है।
2. *पौष पूर्णिमा*: कुंभ मेले के दौरान पौष पूर्णिमा को स्नान करने का विशेष महत्व है।
3. *माघ पूर्णिमा*: कुंभ मेले के दौरान माघ पूर्णिमा को स्नान करने का विशेष महत्व है।
4. *शिवरात्रि*: कुंभ मेले के दौरान शिवरात्रि को स्नान करने का विशेष महत्व है।
कुंभ मेले के दौरान स्नान करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. *स्वच्छता*: स्नान करने से पहले अपने शरीर को साफ करें।
2. *पवित्रता*: स्नान करने से पहले अपने मन को पवित्र करें।
3. *सादगी*: स्नान करने के लिए सादगी से तैयार हों।
4. *आदर*: स्नान करने के दौरान अन्य लोगों का आदर करें।